उस मोड़ पर, एक पेड़ के नीचे मुझे रोमानी कर रही थी। उस मोड़ पर, एक पेड़ के नीचे मुझे रोमानी कर रही थी।
इसलिए इंतज़ार कर रही हूँ ताकि पहल आपसे हो जाए...! इसलिए इंतज़ार कर रही हूँ ताकि पहल आपसे हो जाए...!
कभी तो समझेंगें वो मुझे, बस इसी सब्र में ही, क्या बची ज़िन्दगी कटेगी मेरी रसोई-घर में ही। कभी तो समझेंगें वो मुझे, बस इसी सब्र में ही, क्या बची ज़िन्दगी कटेगी मेरी रसोई-घर...
कभी कभी बस एक बार नज़र मिलने की देरी होती है,बाकी सब कुछ अपने आप हो जाता है! कभी कभी बस एक बार नज़र मिलने की देरी होती है,बाकी सब कुछ अपने आप हो जाता है!
ज़िंदगी के कुछ लम्हों, पर धूल-सी जमी थी... ज़िंदगी के कुछ लम्हों, पर धूल-सी जमी थी...
जो उम्र है मेरी , उस हिसाब से , सब देखा , मगर तुम सा नही देखा ... जो उम्र है मेरी , उस हिसाब से , सब देखा , मगर तुम सा नही देखा ...